हरपाल। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में जिला प्रशासन हरिद्वार द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र निर्गत करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर उप जिलाधिकारी हरिद्वार जितेंद्र कुमार ने बताया कि तहसीलदार हरिद्वार की जांच रिपोर्ट में सीएससी संचालक साजिद निवासी मुस्तफाबाद, पोस्ट धनपुरा, तहसील हरिद्वार के विरुद्ध गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं।
तहसीलदार सचिन कुमार की जांच में पाया गया कि साजिद (सीएससी आईडी–354772620014, मोबाइल नंबर 7017561312) द्वारा आवेदनकर्ता नवाजिश पुत्र नूर आलम निवासी मुस्तफाबाद का फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र निर्गत कराया गया था। जांच में यह सामने आया कि आवेदन के साथ संलग्न खतौनी दस्तावेज कूटरचित (जाली) था।
दरअसल, आवेदन में संलग्न खतौनी में मुस्तकीम पुत्र सद्दीक का नाम दर्शाया गया था, जबकि भूलेख अभिलेखों में उसी भूमि पर अब्दुल मजीद पुत्र अल्लादीन का नाम दर्ज पाया गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु सीएससी पोर्टल का दुरुपयोग किया गया।
प्रशासनिक जांच में यह भी सामने आया कि साजिद एवं अन्य सहयोगियों द्वारा संगठित रूप से सरकारी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर सरकारी योजनाओं व रोजगार अवसरों का अनुचित लाभ उठाया जा रहा था। ऐसे फर्जी दस्तावेजों से राज्य सरकार की योजनाओं की पारदर्शिता प्रभावित होती है।
उप जिलाधिकारी हरिद्वार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साजिद व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की संस्तुति की गई है। साथ ही, जिलाधिकारी के निर्देशानुसार पिछले पांच वर्षों में निर्गत सभी प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है तथा भविष्य में प्रत्येक प्रमाण पत्र की गहन जांच सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करने वाले सीएससी संचालकों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक एवं कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
सीएससी संचालक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की संस्तुति

