निगम भूमि खरीद घोटाला: यह तो सिर्फ टेलर है, यहां घोटालों की लम्बी फेहरिस्त है

निगम भूमि खरीद घोटाला: यह तो सिर्फ टेलर है, यहां घोटालों की लम्बी फेहरिस्त है
जानिए, कैसे निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से निगम की तीन बीघा भूमि पर किया कब्जा
हरिद्वार। नगर निगम में भूमि खरीद घोटाले के सामने आने के बाद, अब नए-नए घोटाले सामने आने लगे हैं। भूमि खरीद घोटाले के साथ अन्य कई ऐसे घोटाले हैं, जो अधिकारियों और कर्मचारियों के काले कारनामों को उजागर करते हैं। यही कारण है कि छोटी सी तनख्वाह पाने वाले निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पास भी करोड़ों रुपये हैं।
कूड़ा डम्पिंग के लिए सराय में खरीदी गई जमीन में अनियमितताएं पाए जाने के बाद जांच अधिकारी ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है तथा एक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ एक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। किन्तु जमीन खरीद घोटाला कोई पहला मामला नहीं है, जहां सरकार को चपत लगाने का कार्य किया गया हो।
रानीपुर झाल स्थित नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर एक व्यवसायी ने अवैध कब्जा किया हुआ है। शिकायत के बावजूद निगम प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। यह सब अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते हुए।
बता दें कि रानीपुर झाल पर नगर निगम की करोड़ों रुपये की जमीन है, जिसमें सीएनजी पंप खोला गया है। निगम की इस जमीन को लीज पर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इस जमीन के बदले अपनों को कंपनी में बड़ा पद दिलवाकर लाभ लिया गया और निगम की जमीन को ठिकाने लगा दिया गया। पंप के बराबर की जमीन पर मॉल का निर्माण हो रहा है। इसके ठीक बराबर में वृंदावन होटल है।
इसी वृदांवन होटल की आड़ लेकर करोड़ों रुपये की जमीन का खेल हुआ। होटल के पीछे की करीब तीन बीघा जमीन पर वृंदावन होटल ने कब्जा कर लिया। इस संबंध में निगम में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस तीन बीघा भूमि को ठिकाने लगाने में कर अधिकारी लक्ष्मीकांत व सहायक नगर आयुक्त सम्पत्ति प्रभारी की मिलीभगत के चलते निगम की भूमि पर कब्जा हो गया।
नक्शे में देखा जा सकता है कि कैसे होटल के पीछे निगम की जमीन है और उस जमीन को कैसे कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा करवाया गया है। जिस तीन बीघा भूमि वृंदावन होटल ने कब्जा की हुई है, वर्तमान में उसकी कीमत करोड़ों रुपये हैं।
क्या सरकार इस मामले का संज्ञान लेकर निगम की करोड़ों की भूमि को मुक्त करवाएगी। क्या जमीन निगम की सम्पत्तियों को खुर्दबुर्द करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी।

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